इंसान फ़क़त प्रेरणा तुम मेरी साथ दो आवाज का या क्रान्ति पुरूष बन जाओ स्वयम् बन्द कर मैं का झगडा एकत्र हो बन जाओ हम मां जाओ कहीं चले दर्द बांटते

Hindi बन जाओ Poems