कई कुनबे हुए है ख़ाक, जो नफ़रत बढ़ाते थे, बचा न वंश में कोई, कभी तादाद लाखों थे, कई कुनबे हुए है ख़ाक, जो नफ़रत बढ़ाते थे, बचा न वंश में कोई, कभी तादाद लाखों थे,
अम्बर ! तुम कितने विशाल हो , जो सूर्य की तपिश को ऊष्ण भाप को अपने में समेट लेते हो, अम्बर ! तुम कितने विशाल हो , जो सूर्य की तपिश को ऊष्ण भाप को अपने मे...
साथ दो आवाज़ का या क्रान्ति पुरूष बन जाओ स्वयं बन्द कर मैं का झगड़ा एकत्र हो बन जाओ हम साथ दो आवाज़ का या क्रान्ति पुरूष बन जाओ स्वयं बन्द कर मैं का झगड़ा एकत्र हो बन ज...
माँ तुम आ जाओ पास हमारे घर आगंन का दीप जला, बादलों में क्यूँ छिप जाती हो माँ तुम आ जाओ पास हमारे घर आगंन का दीप जला, बादलों में क्यूँ छिप जाती हो
कहीं चले जाओ आप, बस दिल का साफ होना जरूरी है दिल में ही तो है इंसानियत, जो हमारी रूह कहीं चले जाओ आप, बस दिल का साफ होना जरूरी है दिल में ही तो है इंसानियत, ...
तेरे दर्द का कोई ऐंटिडोज ही नहीं, इस दुनिया में, तेरे दर्द का कोई ऐंटिडोज ही नहीं, इस दुनिया में,